*गावों में भी जगने लगी नेत्रदान की अलख*
न्यूज़ प्रिंट,गदरपुर। के मकरंदपुर निवासी मोहन सिंह कालड़ा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका आज सुबह आकस्मिक निधन हो गया गांव के ही निवासी वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र पाल सिंह ने उनके कथावाचक पुत्र दर्शन सिंह से वार्ता की तो वह परिवार नेत्रदान के लिए तैयार हो गया जिसके बाद *नेत्रदान के क्षेत्र में अग्रणी सोचो डिफरेंट संस्था* के माध्यम से सीआर मित्तल नेत्रदान केंद्र रूद्रपुर से संपर्क किया तो रुद्रपुर नेत्रदान केंद्र की टीम मकरंदपुर गांव पहुंची और नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की इस मौके पर बोलते हुए नेत्रदान केंद्र के एम डी एस के मित्तल ने बताया कि नेत्रदान केवल कैंसर का मरीज, काला पीलिया, एचआईवी में नेत्रदान नहीं कर सकते और अन्य बिमारियों चाहे वह मोतियाबिंद के ऑपरेशन हो उम्र ज्यादा हो तब भी नेत्रदान कर सकते हैं इसके मित्तल ने बताया कि एक व्यक्ति के नेत्रदान करने से दो लोगों को कारनिया लगाए जा सकता हे जिससे 2 लोगों के जीवन में रोशनी आ सकती है वह देख सकते हैं समाज को जागरुक करने का प्रयास लगातार हम लोग कर रहे हैं